1979 वर्ल्ड कप की पूरी कहानी, वेस्टइंडीज कैसे जीता लगातार दूसरा वर्ल्ड कप ?

Updated: Fri, Sep 29 2023 15:37 IST
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आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 1979 इंग्लैंड की सरज़मीं पर खेला गया था और 1975 वर्ल्ड कप जीतने के बाद वेस्टइंडीज की टीम लगातार दूसरे वर्ल्ड कप को जीतने के लिए तैयार थी लेकिन उनके सामने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड जैसी मज़बूत टीमों की चुनौती थी लेकिन इस वर्ल्ड कप में भी वेस्टइंडीज के सामने बाकी टीमें बौनी साबित हुईं। आइए एक बार फिर से आपको 1979 वर्ल्ड कप के इतिहास में लेकर चलते हैं और पूरी कहानी बताते हैं।

वर्ल्ड कप 1979 की डिटेल्स

9 जून से 23 जून 1979

स्थान: इंग्लैंड

टीमों की संख्या: 8 टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया और कनाडा ने अपना पहला टूर्नामेंट खेला।

ओवर प्रति पारी: 60

कुल मैच खेले गए: 15

ग्रुप ए और ग्रुप बी में कौन-कौन सी टीमें थी ?

वर्ल्ड कप 1979 में ग्रुप ए में इंग्लैंड, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा की टीमें थे। जबकि ग्रुप बी में भारत, वेस्टइंडीज, न्यूज़ीलैंड और श्रीलंका की टीमें थी।

1979 वर्ल्ड कप में भारत का प्रदर्शन

1975 वर्ल्ड कप की ही तरह 1979 वर्ल्ड कप में भी भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और वो ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाए। भारतीय टीम तीन में से सिर्फ एक ही मैच जीत पाई।

सेमीफाइनल की कहानी

ग्रुप ए से इंग्लैंड और पाकिस्तान की टीमें सेमीफाइनल में पहुंची जबकि दूसरे ग्रुप से वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड की टीम सेमीफाइनल में पहुंची। पहले सेमीफाइनल में इंग्लैंड का सामना न्यूज़ीलैंड से हुआ। इंग्लैंड ने निर्धारित 60 ओवरों में 8 विकेट खोकर 221 रन बनाए और कीवी टीम के सामने फाइनल तक पहुंचने के लिए 222 रनों का लक्ष्य रखा। जवाब में न्यूज़ीलैंड की टीम जॉन राइट की 69 रनों की शानदार पारी के बावजूद 9 विकेट के नुकसान पर 212 रन ही बना सका और 9 रन से हार गया। इस जीत के साथ ही इंग्लैंड ने फाइनल में प्रवेश कर लिया। ग्राहम गूच को उनकी 71 रनों की पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच दिया गया।

 

दूसरे सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के सामने पाकिस्तान की चुनौती थी लेकिन पाकिस्तान की टीम ताकतवर वेस्टइंडीज के सामने घुटने टेक गई। इस सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 60 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 293 रन बनाए और पाकिस्तान के सामने जीत के लिए 294 रनों का मुश्किल लक्ष्य दिया। जवाब में पाकिस्तान की टीम 46.2 ओवरों में 250 रन बनाकर ऑलआउट हो गई और पाकिस्तान को 43 रन से हार का सामना करना पड़ा। इस तरह वेस्टइंडीज की टीम ने लगातार दूसरी बार फाइनल में प्रवेश किया। सर गॉर्डन ग्रीनिज को उनकी 73 रनों की मैच जिताऊ पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।

1979 वर्ल्ड कप का फाइनल (लॉर्ड्स)

1979 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के सामने इंग्लैंड था और ये पहली बार था कि वर्ल्ड कप फाइनल में कोई यूरोपीय देश पहुंचा था। इंग्लैंड के प्रमुख गेंदबाज बॉब विलिस सेमीफ़ाइनल में घायल होने के कारण फ़ाइनल में नहीं खेल पाए थे। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और शुरुआत में उनका ये फैसला सही साबित होता भी दिखा क्योंकि वेस्ट इंडीज की शुरुआत काफी खराब रही और ग्रीनिज, हेन्स, कालीचरण और कप्तान क्लाइव लॉयड 100 रन के भीतर ही पवेलियन जा चुके थे।

हालांकि, विवियन रिचर्ड्स (157 गेंदों में 138, 11 चौके, 3 छक्के) और कोलिस किंग (66 गेंदों में 86, 10 चौके, 3 छक्के) ने पारी को संभाला। किंग ने विशेष रूप से 130.3 की स्ट्राइक रेट के साथ अंग्रेजी गेंदबाजी की धज्जियां उड़ा दीं। इन दोनों के बीच 139 रनों की बहुमूल्य साझेदारी हुई और वेस्टइंडीज ने निर्धारित 60 ओवरों में 9 विकेट खोकर 286 रन बनाए।

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इसके बाद एक बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लिश बल्लेबाजों ने अच्छी शुरुआत की. लेकिन सलामी बल्लेबाज माइक ब्रियरली (130 गेंदों पर 64, 7 चौके) और ज्योफ बॉयकॉट (105 गेंदों पर 57, 3 चौके) ने बहुत धीमी गति से रन बनाए। उन्होंने 38 ओवरों में 129 रनों की बेहद धीमी ओपनिंग पार्टनरशिप की। इन दोनों को खेलता देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो टेस्ट मैच चल रहा हो। जब तक दोनों बल्लेबाज आउट हुए तब तक रन रेट बहुत ज्यादा बढ़ चुका था। ग्राहम गूच ने अपने 32 रन बनाने में कुछ बड़े स्ट्रोक खेले, जिससे इंग्लैंड 183/2 पर पहुंच गया। हालांकि, इस मैच का रुख ऐसा पलटा कि किसी ने भी कल्पना नहीं की थी। इंग्लैंड ने सिर्फ 11 रन पर 8 विकेट खो दिए और अंततः पूरी टीम 51 ओवर में 194 रन पर ऑलआउट हो गई। विवियन रिचर्ड्स को उनकी शतकीय पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया। इस तरह ताकतवर वेस्टइंडीज ने लगातार दूसरा वर्ल्ड कप जीत लिया।

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