दिनेश कार्तिक के IPL करियर की सबसे बड़ी निराशा क्या है- CSK से जुड़ा है मामला

Updated: Sun, Apr 14 2024 13:40 IST
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दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) खुद कह चुके हैं कि आईपीएल 2024 एक खिलाड़ी के तौर पर उन का आख़िरी सीजन है। इस समय रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के लिए खेल रहे दिनेश के इस फैसले के साथ ही मौजूदा उस लिस्ट से एक नाम और कम हो जाएगा जो आईपीएल के हर सीजन में खेले हैं। दिनेश कार्तिक ने रविचंद्रन अश्विन के यूट्यूब चैनल पर, अपने आईपीएल करियर के जिक्र में, एक बड़ी ख़ास बात कही- 'क्रिकेट करियर में ज्यादा पछतावा नहीं है। सिर्फ दो- पहला तो ये कि मैं 2013 में रिटेन नहीं होना चाहता था जबकि एमआई में मुझे आगे बढ़ने और एक बेहतर खिलाड़ी बनने में और मदद मिलती तथा दूसरा ये कि मैं सीएसके (CSK) का हिस्सा नहीं हूं।' आईपीएल के पहले सीजन में सीएसके के उन्हें न खरीदने की स्टोरी तो खैर मालूम थी पर ये एमआई के लिए खुद रिटेन होने से इंकार की बात नई है। एमआई में दिनेश के आने की स्टोरी तो सनसनीखेज थी ही- अब उनसे बाहर होने की स्टोरी भी उन्होंने सनसनीखेज बना दी। उस दौर को देखें तो वास्तव में बड़ा अजीब हो रहा था। 

 

आईपीएल करियर में दिनेश कार्तिक पहले तीन सीज़न (2008 से 2010) दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेले- 2.10 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट था। जब रिटेन नहीं किया तो किंग्स इलेवन पंजाब ने नीलामी में 9 लाख डॉलर (उस समय 4.14 करोड़ रुपये) की बेहतर कीमत में खरीद लिया। जो कार्तिक डेयरडेविल्स के नंबर 1 विकेटकीपर थे- किंग्स इलेवन में बल्लेबाज बन गए (2011 सीजन रिकॉर्ड : 13 मैच में 25.63 औसत से 282 रन)। 

2012 का साल शुरू ही हुआ था कि एक बड़ी सनसनीखेज खबर आई- दिनेश कार्तिक का ट्रेड विंडो में किंग्स इलेवन पंजाब से मुंबई इंडियंस ट्रांसफर हो रहा है। ऑफिशियल तौर पर ट्रांसफर की रकम नहीं बताई गई पर ये मालूम हो गया कि ट्रांसफर फीस का नया रिकॉर्ड बना है- आईपीएल में किसी दूसरी टीम के खिलाड़ी के ट्रांसफर के लिए दी गई ये सबसे बड़ी रकम है। कार्तिक के बदले ऑलराउंडर आर सतीश किंग्स इलेवन में चले गए। ये ट्रांसफर एक टीम की जरूरत थी तो दूसरी टीम के लिए बिजनेस। कैसे? 

मुंबई : उन्हें एक कीपर चाहिए था। मुंबई इंडियंस ने 2008 में टीम बनाते हुए विकेटकीपर के मामले में गलती की थी। योगेश ताकवले, ल्यूक रोंची और आदित्य तारे पहले तीन सीज़न में आज़माए गए। इसीलिए 2011 की नीलामी में दक्षिण अफ़्रीकी डेवी जैकब्स को खरीद लिया पर सितंबर में चैंपियंस लीग टी20 के दौरान उन्हें चोट लग गई। नतीजा- मजबूरी में अंबाती रायडू को ग्लव्स थमा दिए पर वे कमजोर कीपर साबित हुए। इसलिए जैसे ही 15 दिसंबर, 2011 को ट्रेडिंग विंडो खुली तो मुंबई इंडियंस ने कार्तिक में अपनी रुचि जाहिर कर दी। 

पंजाब : उन्होंने बिजनेस किया- अच्छी रकम मिल रही थी। जनवरी 2011 की नीलामी में जिन कार्तिक पर 9 लाख डॉलर खर्चे (और तब टीम में डेविड हसी के बाद और कप्तान एडम गिलक्रिस्ट के बराबर दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी थे) और अब उसी के 23.5 लाख डॉलर (तब लगभग 12.4 करोड़ रुपये) मिल गए। मुनाफे की रकम (14.5 लाख डॉलर) का 80% हिस्सा फ्रेंचाइजी को मिल गया और 20% खिलाड़ी को। इस ट्रांसफर में सतीश (अनकैप्ड) 30 लाख रुपये की तय फीस पर ही रहे। वैसे भी कार्तिक विकेटकीपर के तौर पर उनके पास 'फालतू' थे- नंबर 1 एडम गिलक्रिस्ट थे और हरियाणा के नितिन सैनी रिजर्व में। 

तो इस तरह किंग्स इलेवन के मालिकों को कीपर के तौर पर 'फालतू' दिनेश कार्तिक बड़ा मुनाफ़ा दे गए और मुंबई इंडियंस की एक बेहतर कीपर की तलाश का रास्ता निकल आया। पैसा तो उनके पास था ही- ट्रेड विंडो के दौरान खर्चा पैसा, टीम बनाने में नहीं गिना जाता। दिनेश कार्तिक खुश थे क्योंकि एक बड़ी टीम में पहुंच गए। 2012 सीजन का रिकॉर्ड- 14 पारी में 238 रन, 113+ स्ट्राइक रेट, 5 कैच, 2 स्टंप। कोच जॉन राइट और अनिल कुंबले ने उन पर भरोसा किया और नंबर 3 बना दिया जिसका दिनेश कार्तिक को भी फायदा हुआ और 2013 सीजन का रिकॉर्ड था- 19 पारी में 510 रन (इससे ज्यादा 538 रन सिर्फ रोहित शर्मा के थे), 124+ स्ट्राइक रेट, 4 स्कोर 50+ के, 12 कैच, 2 स्टंप) और साथ में मुंबई ने आईपीएल टाइटल भी जीत लिया। 

इसीलिए, इतने अच्छे रिकॉर्ड के बावजूद जब एमआई ने उन्हें अगले सीजन के लिए रिटेन नहीं किया तो सभी को हैरानी हुई थी। टीम ने तब अपने 5 रिटेन में चैंपियन कप्तान रोहित शर्मा, सीनियर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह, वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर कीरोन पोलार्ड, श्रीलंका के लसिथ मलिंगा और अंबाती रायडू का नाम दिया था। जो रिलीज हुए उनमें दो नाम ख़ास थे- ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन और दिनेश कार्तिक। मजे की बात ये कि एमआई ने रिटेन लिस्ट बताते हुए साथ में ये भी कह दिया था कि वे नीलाम में, जॉनसन को वापस लाने की पूरी कोशिश करेंगे- भले ही 'राइट टू मैच' का इस्तेमाल करना पड़े पर अपने स्टार बल्लेबाज दिनेश कार्तिक पर चुप थे। ये तो साफ़ नजर आ रहा था कि अगर रिटेन लिस्ट में दिनेश कार्तिक होते तो रायुडू की छुट्टी होती। तब इसे टीम का एक 'गलत' फैसला बताया गया पर ये तो अब दिनेश कार्तिक ने बताया है कि वे खुद रिटेन नहीं होना चाहते थे। 

हालांकि तब लगा था कि दिनेश कार्तिक के लिए तो ये फायदे का सौदा ही रहा। ये फ़रवरी 2014 की बात है और ईरानी ट्रॉफी मैच चल रहा था रेस्ट ऑफ इंडिया-कर्नाटक के बीच। रेस्ट इलेवन के लिए खेल रहे दिनेश कार्तिक सस्ते में आउट होने के बाद पवेलियन में उदास बैठे थे, तब उन्हें खबर मिली कि दिल्ली डेयरडेविल्स ने उन्हें आईपीएल नीलामी में 12.5 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। कार्तिक की स्टेटमेंट थी- 'मैं बहुत खुश हूं। कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस तरह की कीमत मिलेगी।' उस दिन, कुछ देर पहले ही युवराज सिंह (14 करोड़ रुपये) ने रिकॉर्ड बनाया था और दिनेश कार्तिक उनसे ज्यादा पीछे नहीं थे। ये दिनेश कार्तिक के आईपीएल करियर का सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट रहा। 

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दिनेश कार्तिक को 12.5 करोड़ रुपये तो मिल गए पर अब उनकी स्टेटमेंट से पता चलता है कि उन्हें इस बात की निराशा है कि वे एमआई के लिए न खेले। दिनेश कार्तिक ने ये तो नहीं बताया कि उनके एमआई से आगे कॉन्ट्रैक्ट न लेने की वजह क्या थी पर अगर पैसा था तो वह उन्हें मिला। मजे की बात ये है कि उसी नीलाम में दिल्ली ने टॉप दक्षिण अफ्रीकी विकेटकीपर क्विंटन डी कॉक को भी खरीदा।
 

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