जब 1 मैच खेलने वाली टीम इंडिया धोनी की कप्तानी में बनी पहली T20I वर्ल्ड चैंपियन
साल 2007 में पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप खेला गया, जिसे भारतीय टीम ने जीता। वो भारतीय टीम जिसने इस टूर्नामेंट से पहले सिर्फ एक टी-20 इंटरनेशनल मैच खेला था। इस वर्ल्ड कप से पहले दुनिया भर की टीमों ने मिलकर कुल 19 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले थे। लेकिन भारत के चैंपियन बनने के बाद टी-20 क्रिकेट के प्रति दर्शकों की दीवानगी बढ़ी।
टूर्नामेंट से पहले भारत को तब बड़ा झटका लगा, जब सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ औऱ सौरव गांगुली जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने इस बड़े टूर्नामेंट में ना खेलने का फैसला किया। इसके बाद तेंदुलकर के कहने पर एमएस धोनी को कप्तानी सौंपी गई थी। धोनी देश की उम्मीद पर खरे उतरे और भारत को इस टी-20 का पहला वर्ल्ड चैंपियन बनाया।
टूर्नामेंट का फॉर्मेट
टूर्नामेंट में कुल मिलाकर 12 टीमों ने हिस्सा लिया। जिसमें साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया,इंग्लैंड, जिम्बाब्वे, श्रीलंका, न्यूजीलैंड, केन्या,भारत,पाकिस्तान और स्कॉटलैंड की टीम शामिल थी।
तीन-तीन टीमों के चार ग्रुप बने और हर ग्रुप की दो टॉप टीमों ने सुपर 8 के लिए क्वालीफाई किया। सुपर 8 में भारत,न्यूजीलैंड,साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के एक ग्रुप में थी और पाकिस्तान,ऑस्ट्रेलिया,श्रीलंका और बांग्लादेश दूसरे ग्रुप में।
पहले सेमीफाइनल में पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड को हराया औऱ दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को। फाइनल में पाकिस्तान को हराकर भारत ने ट्रॉफी पर कब्जा किया।
भारत का सफर
भारतीय टीम का पहला मैच हुआ स्कॉटलैंड के खिलाफ, जो बिना एक गेंद फेंके ही रद्द हो गया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच टाई किया और बॉल आउट से भारतीय टीम विजेता बनी। फिर न्यूजीलैंड के हाथों हार मिली, लेकिन भारतीय टीम ने वापसी की और इंग्लैंड साउथ अफ्रीका को हराकर सेमीफाइनल में पहुंची। मजबूत ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में हराकर भारत ने फाइनल में एंट्री की, जहां उसकी टक्कर चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से हुई।
जोहान्सबर्ग में खेले गए फाइनल में गौतम गंभीर के 75 रनों की पारी की मदद से भारत ने पाकिस्तान को 158 रनों का लक्ष्य दिया। मिस्बाह उल हक 43 रनों की पारी से पाकिस्तान जीत की दहलीज के करीब लाए। पाकिस्तान को आखिरी ओवर में 13 रनों की जरूरत थी और धोनी ने किसी सीनियर खिलाड़ी के बजाय जोगिंदर शर्मा को गेंद थमाई। जोगिंदर कप्तान की उम्मीद पर खरे उतरे और मिस्बाह को श्रीसंत के हाथों कैच आउट कराया।
टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 265 रन बनाए थे ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन ने और पाकिस्तान के गेंदबाज उमर गुल ने सबसे ज्यादा 13 विकेट चटकाए थे। पाकिस्तान के ऑलराउंडर शाहीद अफरीदी को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया था।
भारत के लिए बल्लेबाजी में गौतम गंभीर ने सबसे ज्यादा 227 रन और गेंदबाजी में आरपी सिंह ने 12 विकेट लिए थे।
टूर्नामेंट से जुड़ी मजेदार बातें
टूर्नामेंट में भारत औऱ पाकिस्तान के बीच डबरन में खेला गया मुकाबला टाई पर खत्म हुआ था। जिसके बाद बॉल आउट में भारत ने जीत दर्ज की थी। इंटरनेशनल क्रिकेट में सिर्फ यह दूसरी और आखिरी बार था जब कोई टीम बॉल आउट से मुकाबला जीती थी। 2008 में आईसीसी ने इस नियम को खत्म कर दिया था और सुपर ओवर का नियम आया।
भारत के जीत में अहम रोल निभाने वाले जोगिंदर शर्मा अब हरियाण पुलिस में डीएसपी हैं। वर्ल्ड कप फाइनल के बाद वह भारत के लिए कभी नहीं खेले।
जिम्बाब्वे ने अपने पहले ही मैच में मजबूत टीम ऑस्ट्रेलिया को मात दी थी।
Also Read: Live Cricket Scorecard
युवराज सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले में स्टुअर्ट ब्रॉड के खिलाफ एक ओवर में छह छक्के जड़े थे। इस फॉर्मेट में यह कारनामा वाले वह दुनिया के पहले खिलाड़ी बने थे।