शार्दुल ठाकुर की नाराजगी – ऑस्ट्रेलिया दौरे से बाहर होने का दर्द खुलकर बताया

Updated: Fri, Feb 14 2025 18:05 IST
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टीम इंडिया के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे से बाहर किए जाने पर अपनी भावनाएं खुलकर जाहिर की हैं। 2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने पहला टेस्ट 295 रन से जीता, लेकिन बाकी तीन टेस्ट हारकर 1-3 से सीरीज गंवा दी। इस दौरे में नितीश रेड्डी को तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के तौर पर टीम में रखा गया था, लेकिन गेंदबाजी में उन्हें ज्यादा मौका नहीं मिला। ऐसे में फैंस को 2020-21 के दौरे पर शार्दुल ठाकुर की परफॉर्मेंस की कमी खली, जब उन्होंने भारत की ऐतिहासिक 2-1 सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

शार्दुल ठाकुर ने भारत के लिए 11 टेस्ट, 47 वनडे और 25 टी20 मैच खेले हैं, लेकिन दिसंबर 2023 में साउथ अफ्रीका दौरे के बाद से उन्हें कोई भी फॉर्मेट में खेलने का मौका नहीं मिला है। हालांकि, रणजी ट्रॉफी में उन्होंने मुंबई के लिए जबरदस्त प्रदर्शन किया है—8 मैचों में 33 विकेट झटके और 402 रन भी बनाए।

ऑस्ट्रेलिया दौरे से बाहर किए जाने पर शार्दुल ने Revsportz को बताया, "जब टीम का चयन हुआ और मेरा नाम नहीं था, तो शुरुआत में काफी बुरा लगा। लेकिन एक प्रोफेशनल क्रिकेटर होने के नाते हमें समझना होता है कि करियर में उतार-चढ़ाव आते हैं। मैंने सोचा कि अगर मुझे क्रिकेट में और ऊंचाइयों तक पहुंचना है, तो इस रिजेक्शन को भुलाकर आगे बढ़ना होगा। अगर कोई मौका आए, तो मैं उसके लिए तैयार रहूं।"

शार्दुल की नजर अब भारत के इंग्लैंड दौरे पर है, जो जून से शुरू होगा। उन्होंने कहा, "मैंने अपने बेसिक्स पर फोकस रखा। मुंबई के लिए मैं अहम मौकों पर विकेट लेता हूं और नॉकआउट मैचों में परफॉर्म करता हूं, यही चीज मुझे मोटिवेट करती है। ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए नहीं चुने जाने के बाद मेरा ध्यान चैंपियंस ट्रॉफी, आईपीएल और फिर इंग्लैंड दौरे पर चला गया।"

शार्दुल ने अपनी बैटिंग और बॉलिंग को लेकर भी बात की—"चाहे भारत में खेलें या विदेश में, टीम इंडिया को हमेशा ऐसा गेंदबाज चाहिए जो 7 या 8 नंबर पर बल्लेबाजी कर सके। अश्विन और जडेजा ने भी कई मैच जिताए हैं, और मुझे भी विश्वास है कि मैं इस रोल को निभा सकता हूं।"

इसके अलावा, उन्होंने अपनी गेंदबाजी को लेकर कहा, "अगर टीम में मैं तीसरा या चौथा तेज गेंदबाज भी हूं, तो इसका मतलब ये नहीं कि मैं किसी से कम हूं। रणजी ट्रॉफी में मैं मुंबई के लिए लीड बॉलर के तौर पर खेलता हूं और नई गेंद से गेंदबाजी करने का अनुभव रखता हूं। अगर जसप्रीत बुमराह एक छोर से गेंदबाजी कर रहे हैं और कप्तान मुझे दूसरे छोर से गेंदबाजी करने को कहे, तो मैं तैयार हूं।"

शार्दुल ने टी20 और टेस्ट क्रिकेट में अपनी भूमिका को भी समझाया—"जब मैं बुमराह के साथ टी20 में खेला हूं, तो ज्यादातर डेथ ओवर्स में गेंदबाजी की है। टेस्ट में मैं नई और पुरानी दोनों गेंद से गेंदबाजी कर सकता हूं। इंग्लैंड दौरे में 8-11 नंबर के बल्लेबाजों के रन टीम के लिए बहुत अहम होंगे, क्योंकि ये अतिरिक्त रन गेंदबाजों के लिए बड़ा अंतर पैदा कर सकते हैं।"

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अब देखना होगा कि इंग्लैंड दौरे पर शार्दुल ठाकुर को टीम इंडिया में जगह मिलती है या नहीं।

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