IND vs SA,फ्लैशबैक: टीम इंडिया ने जब साउथ अफ्रीका के हाथों घर में हारी पहली टेस्ट सीरीज
साल 2000 में साउथ अफ्रीका की टीम भारतीय दौरे पर आई जहां दोनों टीमों के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेली गई। इस दौरे पर भारतीय टीम की कमान संभाल रहे थे सचिन तेंदुलकर तो वहीं अफ्रीकी टीम की कमान हैंसी क्रोनिए के हाथों में थी। इस सीरीज में साउथ अफ्रीका का दबदबा रहा है और उन्होंने खेल के हर विभाग में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सीरीज को 2-0 से अपने नाम की।टेस्ट में अपने घर में साउथ अफ्रीका के हाथों यह भारत की पहली सीरीज हार थी।
पहला टेस्ट, 24 से 26 फरवरी 2000, मुंबई
मुंबई में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत के कप्तान सचिन तेंदुलकर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। भारत ने पहली पारी में 225 रन बनाए,जिसमें तेंदुलकर के बल्ले से सर्वाधिक 97 रन निकले। इसके जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 176 रन पर ही सिमट गई। भारत के लिए गेंदबाजी में भी सचिन तेंदुलकर ने कमाल दिखाते हुए सिर्फ 10 रन देकर 3 विकेट हासिल किए।
49 रनों की बढ़त के साथ उतरी भारतीय टीम ने दूसरी पारी में साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों के आगे सिर्फ 113 रनों पर ढेर हो गई। और साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 163 रनों का लक्ष्य मिला।
साउथ अफ्रीका ने 6 विकेट के नुकसान पर 164 रन बनाकर 4 विकेट से जीत हासिल कर ली। जिसमें हर्शल गिब्स ने सर्वाधिक 48 रन की पारी खेली।
भारत भले ही यह मुकाबला हार गया हो लेकिन सचिन तेंदुलकर को उनके ऑलराउंड खेल के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।
दूसरा टेस्ट, 2 से 6 जनवरी 2000, बेंगलुरु
दूसरा टेस्ट मैच 2 मार्च से 6 मार्च तक बैंगलोर के चिन्नास्वामी के मैदान पर खेला गया। इस मैच में भी भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। भारत की पहली पारी महज 158 रनों पर सिमट गई। भारत की ओर से अनिल कुंबले ने सबसे ज्यादा 36 रन बनाए।
इसके जवाब में साउथ अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 479 रन बनाए। अफ्रीका की ओर लांस क्लूजनर ने 97 रन तथा जैक्स कैलिस ने 95 रनों का योगदान दिया। इसके साथ ही अफ्रीका की टीम ने 321 रनों की बढ़त बनाई।
दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज टिक कर नहीं खेल पाए और 250 रनों पर ही ढ़ेर हो गए। भारत के तरफ से मोहम्मद अजहरुद्दीन ने सबसे ज्यादा 102 रनों की पारी खेली। इसके बावजूद साउथ अफ्रीका ने मैच को एक पारी और 71 रनों से अपने नाम किया। गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन करने वाले निकी बोझे को "मैन ऑफ द मैच" का खिताब मिला तो वहीं ऑलराउंडर जैक्स कैलिस को उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए "मैन ऑफ द सीरीज का खिताब दिया गया।"