किस्सा जब टीम इंडिया का कन्कशन रिप्लेसमेंट, मैन ऑफ द मैच बन गया
Yuzvendra Chahal: भारत इंग्लैंड पहले वनडे इंटरनेशनल के दौरान, हर्षित राणा (कुल 2 प्रो टी20 रन) के शिवम दुबे (अपने पिछले 13 टी20 मैच में 9 ओवर फेंके थे) के लिए कन्कशन सब बनने पर बड़ा बवाल हुआ।
हर्षित ने अपनी दूसरी गेंद (141 किमी प्रति घंटे / 87.61 मील प्रति घंटा की तेजी वाली) से ही दिखा दिया कि भारत ने एक तरह से 'इम्पैक्ट सब' खिला दिया है। एक तो इंग्लैंड मैच हार गया और उस पर ब्रिटिश मीडिया तो वैसे भी शोर के लिए मशहूर है। दलील यही कि हर्षित, शिवम 'जैसे' सब्स्टीट्यूट नहीं। ये भी कहा जा रहा है कि इंटरनेशनल क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ।
लगता है सब रवींद्र जडेजा की जगह युजवेंद्र चहल के कन्कशन सब बनने वाला किस्सा भूल गए- तब भी चहल ने भारत को जीत दिलाई थी। तब भी मैच रेफरी ने मंजूरी दी थी। ख़ास तौर पर ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर को ये बदलाव पसंद नहीं आया और उन्होंने बड़ा शोर किया।
और तो और, दिसंबर 2020 के इस किस्से में (कैनबरा के मनुका ओवल में पहले टी20 इंटरनेशनल में) युजवेंद्र चहल प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए और इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार कोई कन्कशन सब, प्लेयर ऑफ द मैच बना। 3 विकेट लिए चहल ने और उससे पहले जडेजा ने 23 गेंद पर 44* बनाकर पारी को बचाया था और गेंदबाजों को मौका देने वाला स्कोर हासिल करने में मदद दी- तो इस तरह दो अलग-अलग रोल में 'परफेक्ट प्रदर्शन' देखने को मिला।
चहल ने कैसा असर डाला देखिए : सिर्फ 162 रन लक्ष्य था और एक समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 54-0 था लेकिन चहल ने अटैक पर आते ही अपने पहले दो ओवर में एरोन फिंच और स्टीव स्मिथ को आउट कर दिया और कुल प्रदर्शन 4-0-25-3 था। तीसरा विकेट मैथ्यू वेड का था। ऐसे में अवार्ड तो मिलना ही था।
जडेजा ने हैमस्ट्रिंग में खिंचाव के साथ ही बल्लेबाजी की थी और तभी ये इशारा मिल गया था कि मैच में शायद आगे न खेल पाएं पर तब बात उनके पैर की चोट की हो रही थी। 20वें ओवर की, मिशेल स्टार्क की दूसरी गेंद उनके हेलमेट पर लगी- झटका इतना जोरदार था कि गेंद बैकवर्ड प्वाइंट पर जा गिरी, जहां कैच छूट गया। जडेजा ने फिजियो से जांच के बिना बल्लेबाजी जारी रखी। ये भी नोट करना जरूरी है कि जडेजा की आखिरी ओवरों की आतिशी बल्लेबाजी की बदौलत भारत ने आख़िरी 5 ओवर में 64 रन बनाकर 20 ओवर में 161-7 रन बनाए।
बाद में, जब भारत की टीम गेंदबाजी के लिए ग्राउंड पर आई तो उसमें जडेजा की जगह वह चहल कन्कशन सब थे जो प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं थे। ये बदलाव मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ क्योंकि चहल ने 3-15 के साथ भारत को 11 रन से जीत दिलाई। असल में मैच ऑफिशियल ने दोनों इनिंग के बीच, टीम इंडिया के डॉक्टर की सलाह पर कन्कशन सब को मंजूरी दी और चहल बन गए जडेजा के कन्कशन सब।जस्टिन लैंगर को तो शुरू से मैच रेफरी डेविड बून का फैसला पसंद नहीं आया और उन्हें, उनसे बहस करते भी देखा गया। फिंच भी इस बहस के दौरान मौजूद थे पर कुछ बोले नहीं।
मैच के बाद प्रेजेंटेशन के दौरान फिंच ने कहा भी कि उन्हें चहल का खेलना रास नहीं आया पर मैच ऑफिशियल के फैसले को चुनौती नहीं दी- इसके साथ ही ये मामला यहीं खत्म हो गया और विवाद नहीं बना पर फैक्ट तो नजरअंदाज नहीं किए जा सकते। फिंच ने मैच के बाद कहा- 'आप किसी मेडिकल एक्सपर्ट की राय को चुनौती नहीं दे सकते।' जडेजा के सिर पर चोट की मेडिकल जांच टीम इंडिया के डॉक्टर और बीसीसीआई एंटी डोपिंग मैनेजर अभिजीत साल्वी तथा फिजियो नितिन पटेल ने की थी।
ऑस्ट्रेलिया मीडिया ने इस बात को बड़ा उछाला कि जडेजा के हेलमेट पर गेंद लगी तो ग्राउंड पर उनकी चोट की जांच नहीं की गई, पारी के बीच में ये जांच की और तब कहा कि शायद उन्हें चोट लगी है। जडेजा बार-बार चक्कर आने की शिकायत कर रहे थे। इस चोट के कारण, उस समय ही जडेजा का सीरीज में आगे खेलना मुश्किल लग रहा था। बहरहाल चहल के 4 ओवर में 25 रन पर 3 विकेट ने भारत की जीत में ख़ास भूमिका निभाई। चहल ने फिंच और स्मिथ को आउट कर भारत को, आस्ट्रेलिया को हराने का मौका दे दिया और भारत ने सीरीज में 2-2 से बराबरी की।
सवाल अटक गया बराबर और वैसी ही स्किल वाले खिलाड़ी को सब्स्टीट्यूट को चुनने का। इस पर फिंच और ऑलराउंडर मोइजेस हेनरिक्स ने टीम की निराशा पर खुलकर बात की- जडेजा एक ऑलराउंडर खिलाड़ी और चहल एक गेंदबाज है। तब आस्ट्रेलिया के लिए खेल चुके और वहां कमेंटेटर टॉम मूडी ने माइक पर कहा- 'आईसीसी गाइडलाइन में कहा है कि आईसीसी मैच रेफरी को ये भी सोचना चाहिए कि मैच के बचे समय में चोटिल खिलाड़ी का रोल क्या रहता और जो अब सब के तौर पर नॉमिनेट हो रहा है, उसका रोल क्या होगा?'
आपके रिकॉर्ड के लिए उस मैच का स्कोर कार्ड :
भारत : 161/7 (राहुल 51, जडेजा 44*, हेनरिक्स 3-22, स्टार्क 2-34)
ऑस्ट्रेलिया :150/7 (फिंच 35, शॉर्ट 34, चहल 3-25, नटराजन 3-30)
भारत की 11 रन से जीत
क्रिकेट का कन्कशन सब लॉ क्या है और ये विवादास्पद क्यों है? रवींद्र जडेजा की जगह आए युजवेंद्र चहल का 3 विकेट के साथ मैन ऑफ द मैच बनना इस सवाल का जवाब दे देता है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन भी इस पर हैरान थे कि जडेजा की हालत का जायजा लेने कोई डॉक्टर या फिजियो ग्राउंड पर क्यों नहीं आया? मिशेल स्टार्क ने कहा- 'ऐसा लगा कि उसके पैर में कुछ चोट लगी है... फिर कन्कशन सब बुला लिया...।' इस तरह प्रोटोकॉल तो टूटा ही। क्या भारत ने कन्कशन सब्स्टीट्यूट लॉ का गलत इस्तेमाल किया- यही सवाल था सुर्खियों में, ऑस्ट्रेलिया में अगली सुबह अखबारों में।
इस तरह एक खिलाड़ी, जो मैच शुरू होने पर प्लेइंग इलेवन में भी नहीं था, मैन ऑफ द मैच बन गया। कन्कशन रिप्लेसमेंट एक अजीब मसला है- कभी-कभी काम करता है और कभी-कभी बिल्कुल नहीं। जडेजा को टी20 सीरीज के बचे मैचों से हटा कर, भारत ने तब तो इस बहस को रोक दिया पर तय था कि जब भी कोई और मामला उछलेगा तो कैनबरा का ये मैच जरूर याद आएगा।
Also Read: Funding To Save Test Cricket
- चरनपाल सिंह सोबती