3 खिलाड़ी जिनकी नहीं बनती थी टीम में जगह, सिर्फ कप्तान होने के नाते बने टीम का बोझ
क्रिकेट हो या फिर अन्य कोई खेल हर गेम में कप्तान की अहम भूमिका होती है। लेकिन क्रिकेट जगत में कुछ ऐसे भी खिलाड़ी रहे जिनकी टीम में जगह सिर्फ कप्तान होने के नाते ही रही।
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क्रिकेट हो या फिर अन्य कोई खेल हर गेम में कप्तान की अहम भूमिका होती है। लेकिन क्रिकेट जगत में कुछ ऐसे भी खिलाड़ी रहे जिनकी टीम में जगह सिर्फ कप्तान होने के नाते ही रही। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे 3 ऐसे खिलाड़ियों का नाम जिन्हें सिर्फ कप्तान होने की वजह से प्लेइंग इलेवन में जगह मिली।
सरफराज अहमद: पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सरफराज अहमद एक सफल कप्तान तो रहे लेकिन कभी भी वह अपनी बल्लेबाजी की वजह से टीम को प्रेरणा देने में नाकामयाब रहे। सरफराज अहमद ने बल्ले से लगातार नाकामी झेली इसी वजह से उन्हें पाकिस्तान टीम से भी ड्रॉप कर दिया गया था। सरफराज अहमद के पूरे करियर को देखकर ऐसा लगता है कि उनकी टीम में जगह सिर्फ कप्तान होने के नाते ही रही।
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टिम पेन: ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम के कप्तान टिम पेन को स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर के प्रतिबंधित हो जाने के बाद अचानक टीम की कमान मिली थी। टिम पेन जो पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम की प्लेइंग इलेवन में भी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते थे अब वह कप्तान होने की वजह से ही हर मैच खेल रहे हैं। लेकिन टिम पेन ने अपनी बल्लेबाजी से कभी भी प्रभावित नहीं किया है और वह सिर्फ कप्तान होने के कारण ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा हैं।
डैरेन सैमी: वेस्टइंडीज के सबसे सफल कप्तानों में से एक डैरेन सैमी की कप्तानी में टीम ने 2 बार टी-20 विश्वकप जीता है। डैरेन सैमी एक ऐसे खिलाड़ी थे जो केवल अपनी कप्तानी की वजह से ही प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे। डैरेन सैमी ना तो बल्ले से ना ही गेंद से टीम के लिए कभी कारगर साबित हो पाए थे। डैरेन सैमी ने 68 टी-20 मैचों में 17.26 की औसत से महज 587 रन बनाए वहीं गेंदबाजी से भी वो फीके ही रहे।