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डॉन ब्रैडमैन को आखिरी पारी में 0 पर आउट करने वाला गेंदबाज, इस कारण नहीं खेलना चाहता था वो टेस्ट मैच

महान बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन (Don Bradman) को आखिरी पारी में 0 पर आउट करने का कारनामा एरिक हॉलीज (Eric Hollies) ने किया था।

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डॉन ब्रैडमैन को आखिरी पारी में 0 पर आउट करने वाला गेंदबाज, इस कारण नहीं खेलना चाहता था वो टेस्ट मैच
डॉन ब्रैडमैन को आखिरी पारी में 0 पर आउट करने वाला गेंदबाज, इस कारण नहीं खेलना चाहता था वो टेस्ट मैच (Image Source: Google)
Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
Jun 22, 2023 • 02:48 PM

एशेज 1948 वह सीरीज थी जिसमें द डॉन ने अपनी आखिरी टेस्ट पारी खेली। आख़िरी टेस्ट था ओवल में जो शुरू हुआ 14 अगस्त से। सब जानते हैं कि उस टेस्ट में खेली ब्रैडमैन की आख़िरी पारी क्यों यादगार है- अगर वे उस पारी में 100 बना लेते तो शायद उसकी उतनी चर्चा न होती जितनी उनके 0 पर आउट होने की हुई। उनका 0 पर आउट होना अनोखा था-100 बनाना नहीं। उस आख़िरी पारी में सिर्फ 4 रन की जरूरत थी 7,000 रन और 100 की औसत के रिकॉर्ड के लिए पर उस दिन ये भी न बने। क्या नजारा था उस वक्त?

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
June 22, 2023 • 02:48 PM

 14 अगस्त, 1948 को टेस्ट शुरू हुआ और रे लिंडवॉल की घातक गेंदबाजी की बदौलत, ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 52 रन पर आउट कर दिया। लेन हटन ने इन 52 में से 30 रन बनाए थे। दर्शक बड़े खुश थे कि इंग्लैंड के पहले बल्लेबाजी करने के बावजूद शायद पहले ही दिन ब्रैडमैन की बल्लेबाजी देखने को मिल जाए। 

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सिड बार्न्स और आर्थर मॉरिस ने पहले विकेट के लिए 117 रन जोड़ कर ऑस्ट्रेलिया को शानदार शुरुआत दी पर हर किसी को तो इंतजार था ब्रैडमैन का और इसीलिए सिड के आउट होने पर, उनकी तरफ तो किसी का ध्यान ही नहीं था। अब पवेलियन से निकले वह डॉन ब्रैडमैन जिन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज का टाइटल मिला हुआ था। कुछ फैक्ट नोट कीजिए :
 
*  जब ब्रैडमैन बल्लेबाजी के लिए आए तो उनका औसत 101.39 था और इसलिए गणना ये थी कि अगर 4 रन भी बना लिए तो औसत 100 तो रहेगा ही।
*  द ओवल में इससे पहले, टेस्ट में 232, 244 और 77 जैसे स्कोर बनाए थे। 
* 1948 के इस एशेज टूर में सरे के विरुद्ध इसी ग्राउंड पर दो बार बल्लेबाजी की थी और 146 और 128 रन बनाए। 

इन सभी रिकॉर्ड को देखकर ये तो कोई सोच ही नहीं रहा था कि वे बड़ा स्कोर नहीं बनाएंगे। तब भी, 4 रन भी न बने और जिन रिकॉर्ड का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था वे न बने। 100 का टेस्ट करियर औसत, टेस्ट इतिहास में, बड़े करियर में, आज तक कोई भी नहीं बना पाया है। जैक फिंगलटन की बाद में स्टेटमेंट थी- 'जिस खेल ने उन्हें इतना कुछ दिया था, उसने भी आखिरी टेस्ट मैच में नकार दिया।'

क्या पिच उनके 0 पर आउट होने के लिए जिम्मेदार थी? ब्रैडमैन टॉस हारे थे और नॉर्मन यार्डली ने बल्लेबाजी का फैसला किया। रात भर की बारिश से विकेट गीला था लेकिन आगे और खराब मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए बल्लेबाजी ही उन्हें सही विकल्प लगा। पिच वास्तव में खतरनाक थी और उस गीली विकेट पर, रे लिंडवाल, कीथ मिलर और बिल जॉनसन ने इंग्लैंड की पारी को 52 रन पर खत्म कर दिया। लंच के बाद लिंडवाल ने 8.1-4-8-5 का स्पेल फेंका था। इस तरह पिच मुश्किल तो थी पर धीरे-धीरे आसान हो रही थी और ऑस्ट्रेलिया की 100+ की ओपनिंग पार्टनरशिप ने यही साबित किया। इसलिए पूरा दोष पिच को देना सही नहीं होगा।  

उस टेस्ट की पब्लिसिटी में बस यही बात चर्चा में थी कि डॉन ब्रैडमैन को टेस्ट क्रिकेट में आख़िरी बार बल्लेबाजी करते हुए देखो। इसीलिए सुबह से केनिंग्टन ओवल, लंदन के बाहर दर्शकों की लाइन लगी हुई थी। उन्हें मिला क्या- अपनी टीम को 52 रन पर आउट और डॉन ब्रैडमैन दूसरी गेंद पर 0 पर आउट पर वे एक इतिहास के हिस्सेदार बन गए।  

ब्रैडमैन को आउट किया था एरिक हॉलीज़ ने। उस समय की अखबारों की रिपोर्ट के मुताबिक़ सच ये है कि होली के तो उस ओवल टेस्ट में खेलने के आसार ही बड़े कम थे। लेस्ली डकवर्थ ने अपनी किताब 'स्टोरी ऑफ़ वॉरिकशायर क्रिकेट' में लिखा है- 'जब हॉलीज़ को खेलने के लिए कॉल आई तो वास्तव में टेस्ट की तारीखों का टकराव वॉरिकशायर के एक काउंटी मैच से था और हॉलीज ने लेस्ली डीकिन्स से कहा कि वह वॉरिकशायर का मैच खेलेंगे। एशेज का फैसला तो उस ओवल टेस्ट से पहले ही तय हो चुका था जबकि काउंटी टीम के लिए इस मैच को जीतना बड़ा जरूरी था। बात वॉरिकशायर क्लब कमेटी तक पहुंची और कमेटी ने अपने 'होम बॉय' को टेस्ट खेलने के लिए राजी किया। अगर वहां भी हॉलीज न मानते तो न जाने टेस्ट क्रिकेट इतिहास आज जो है- उससे कितना अलग होता?

वह महान क्षण आ गया जब डॉन संभवतः अपनी फेयरवेल पारी के लिए ग्राउंड में आए। 20,000 की भीड़ ने स्टैंडिंग ओवेशन के साथ उनका स्वागत किया। नॉर्मन यार्डली उस महान क्रिकेटर को थ्री चीयर्स के साथ स्वागत के लिए टीम को आगे ले आए। ये तो बाद में पता चला कि यार्डली ने अपनी टीम को पहले ही कह दिया था- 'जब वह ग्राउंड पर आएंगे तो हम उन्हें थ्री चीयर्स देंगे, लेकिन बस इतना ही और फिर उन्हें आउट करना है।'

वॉक्सहॉल एंड से गेंदबाजी कर रहे थे हॉली। पहली गेंद पर धीमा सा शॉट और गेंद मिड-ऑफ़ में वाटकिंस के पास गई। कोई रन नहीं- स्कोर एक विकेट पर 117 रन। अगली गेंद- और ये क्या हॉलीज़ ने ब्रैडमैन को बोल्ड कर दिया 0 पर। जिस क्रिकेटर ने द ओवल क्या, और सभी इंग्लिश ग्राउंड पर भी ढेरों  रन बनाए- उसे 7000 टेस्ट रन पूरे करने और 100 की औसत के लिए जरूरी 4 रन भी नहीं मिले।

स्टेडियम फिर से गगनभेदी तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज गया।  हॉलीज ने जैक क्रेप को कहा- ' मैंने इस पूरे सीजन में सबसे बेहतरीन फेंकी और वे, मेरे लिए नहीं, 0 पर आउट होने वाले के लिए ताली बजा रहे हैं।' विश्वास कीजिए - प्रेस बॉक्स में, हमेशा ब्रैडमैन का विरोध करने वाले, पत्रकार बन चुके दोनों क्रिकेटर जैक फिंगलटन बिल ओ'रेली इस अद्भुत  नज़ारे पर ठहाका लगाकर हंस रहे थे। साथ बैठे एक कमेंटेटर ने कहा- मुझे तो लग रहा था कि इन्हें हार्ट अटैक आ जाएगा।

उस डिलीवरी के दौरान स्लिप में खड़े जैक क्रैप का नजरिया- ' उस वक्त माहौल इतना भावुक था कि बहुत संभव है कि ब्रैडमैन की आंखों में आंसू हों और वे गेंद को साफ़-साफ़ नहीं देख पाए। वॉरिकशायर में आज तक कहा जाता है कि टेस्ट के लिए जाने से पहले, हॉलीज़ ने अपने काउंटी कप्तान से कहा था कि अगर ब्रैडमैन सामने हुए तो वे दूसरी गेंद गुगली फेंकेंगे और वास्तव में गुगली पर ही विकेट मिला।

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टेस्ट इंग्लैंड एक पारी और 149 रन से हार गया ।
 

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