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1983 वर्ल्ड कप की पूरी कहानी, जब टीम इंडिया ने किया क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा उलटफेर

भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना पहला वर्ल्ड कप 1983 में जीता था और उस समय टीम के कप्तान कपिल देव थे। वेस्टइंडीज लगातार तीसरा वर्ल्ड कप फाइनल खेल रही थी लेकिन फाइनल में वो भारत से हार गए।

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1983 वर्ल्ड कप की पूरी कहानी, जब टीम इंडिया ने किया क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा उलटफेर
1983 वर्ल्ड कप की पूरी कहानी, जब टीम इंडिया ने किया क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा उलटफेर (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Sep 15, 2023 • 01:41 PM

भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना पहला वर्ल्ड कप साल 1983 में जीता था और कपिल देव की कप्तानी में जब टीम इंडिया ने ये करिश्मा किया तो खुद खिलाड़ियों को भी यकीन नहीं हुआ कि वो कैसे जीत गए। फाइनल में भारत ने ताकतवर वेस्टइंडीज को मात देकर इस करिश्मे को अंजाम दिया था। उस समय भारत में क्रिकेट इतना पोपुलर नहीं था यही कारण है कि फैंस उस वर्ल्ड कप की बहुत कम बात करते हैं लेकिन हम इस आर्टिकल में उस वर्ल्ड कप के बारे में बहुत बात करने वाले हैं और आपको इतिहास में लेकर जाने वाले हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसे कपिल देव की टीम ने अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
September 15, 2023 • 01:41 PM

1983 वर्ल्ड कप की शुरुआत

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वर्ल्ड कप 1983 (आधिकारिक तौर पर प्रूडेंशियल कप '83) क्रिकेट वर्ल्ड कप टूर्नामेंट का तीसरा संस्करण था। ये टूर्नामेंट 1983 में 9 से 25 जून तक इंग्लैंड में आयोजित किया गया था। इस आयोजन में आठ देशों ने भाग लिया। प्रारंभिक मैच चार-चार टीमों के दो ग्रुपों में खेले गए और प्रत्येक देश ने अपने ग्रुप में दूसरी टीमों के साथ दो बार खेला। प्रत्येक ग्रुप की टॉप दो टीमें सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई हुईं।

फॉर्मैट

सभी मैच प्रति पारी 60 ओवरों के थे और पारंपरिक सफेद कपड़ों में और लाल गेंदों से खेले गए थे। इस दौरान कोई भी डे-नाइट मैच नहीं था।

आठ टीमें

इस टूर्नामेंट के लिए कुल 8 टीमों ने क्वालीफाई किया (सात पूर्ण आईसीसी सदस्य, जिनमें हाल ही में नियुक्त पूर्ण सदस्य श्रीलंका और जिम्बाब्वे शामिल थे)। इन 8 टीमों को 2 ग्रुपों में बांटा गया। ग्रुप ए में इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, श्रीलंका और पाकिस्तान की टीमें थी जबकि ग्रुप बी में भारत, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, जिम्बाब्वे की टीमें थी।

सेमीफाइनल की कहानी

ग्रुप ए से इंग्लैंड और पाकिस्तान ने सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई किया जबकि ग्रुप बी से भारत और वेस्टइंडीज की टीम ने सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई किया। पहले सेमीफाइनल में भारत का सामना इंग्लैंड से हुआ जहां 22 जून को ओल्ड ट्रैफर्ड में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। अंग्रेज बल्लेबाजों भारतीय गेंदबाजों के सामने बड़ा स्कोर बनाने में असफल रहे और पूरी टीम 60 ओवरों में 213 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। इंग्लैंड के लिए ग्रीम फाउलर (59 गेंदों में 33 रन, 3 चौके) ने सबसे ज्यादा रन बनाए। जबकि भारत के लिए कपिल देव ने ग्यारह ओवर में 35 रन देकर 3 विकेट लिए। वहीं, मोहिंदर अमरनाथ और रोजर बिन्नी ने दो-दो विकेट लिए। जवाब में, भारतीय टीम ने यशपाल शर्मा (115 गेंदों में 61, 3 चौके, 2 छक्के) और संदीप पाटिल (32 गेंदों में 51, 8 चौके) की शानदार अर्धशतकीय पारियों के चलते 54.4 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया और 6 विकेट से जीत हासिल करके फाइनल में जगह बना ली। मोहिंदर अमरनाथ (92 गेंदों में 46 रन, 4 चौके, 1 छक्का) को उनके हरफनमौला प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।

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