कभी टीम इंडिया के क्रिकेटरों को उनका पासपोर्ट जिस देश में जाने भी नहीं देता था- अब वहां क्रिकेट सीरीज खेलते हैं
India vs South Africa: भारत की टीम साउथ अफ्रीका में क्रिकेट सीरीज खेल रही है- टीम इंडिया के लिए ये टूर लगभग वैसा ही है जैसे किसी और देश में क्रिकेट सीरीज। रिकॉर्ड ये है कि भारत ने पहली बार 1992
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India vs South Africa: भारत की टीम साउथ अफ्रीका में क्रिकेट सीरीज खेल रही है- टीम इंडिया के लिए ये टूर लगभग वैसा ही है जैसे किसी और देश में क्रिकेट सीरीज। रिकॉर्ड ये है कि भारत ने पहली बार 1992 में साउथ अफ्रीका का टूर किया था क्रिकेट सीरीज के लिए। आज के क्रिकेट प्रेमियों को ये अनुमान भी नहीं होगा कि 1990 तक ये सोचते भी नहीं थे कि भारतीय पासपोर्ट के साथ कोई साउथ अफ्रीका जा सकता है। महज कुछ महीने के अंदर हालात ऐसे बदले कि पहले तो साउथ अफ्रीका से क्लाइव राइस की टीम भारत में वनडे क्रिकेट सीरीज खेलने आई और जवाब में कुछ ही महीने के अंदर मोहम्मद अजहरुद्दीन की टीम साउथ अफ्रीका में सीरीज के लिए फ्लाइट में थी।
माहौल कैसा था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत और साउथ अफ्रीका के बीच कई फ्रंट पर मतभेद थे। यूं भी कह सकते हैं कि शायद ही किसी मुद्दे पर दोनों देश की सोच एक थी- ऐसे में आपस में क्रिकेट खेलने के बारे में कौन सोचता? भारत ने 1974 में टेनिस के डेविस कप फाइनल में उनके विरुद्ध साउथ अफ्रीका में फाइनल खेलने इंकार कर दिया था- ये आज भी टेनिस का सबसे बड़ा टीम टूर्नामेंट है और भारत इतिहास बनाने से चूक गया। हालत ये थी कि साउथ अफ्रीका के साथ किसी तरह का नाता 'गैर-कानूनी ' कहते थे। इसीलिए जब 1970 में गैरी सोबर्स जैसे बड़े क्रिकेटर ने रोडेशिया में एक क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लिया तो उनकी आलोचना केरेबियन के साथ-साथ भारत में भी हुई थी- नोट कीजिए वे उस रोडेशिया में खेले थे जो वास्तव में एक अलग देश था पर साउथ अफ्रीका के कंट्रोल में था। यही रोडेशिया आजादी के बाद जिम्बाब्वे बना।
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