जब एक कप्तान ने विराट कोहली से सबसे तेज शतक का World Record बनाने का मौका छिना, फिर कोहली को मिली थी कप्तानी
Virat Kohli & Tanmay Srivastava: हो सकता है टीम इंडिया के इंटरनेशनल मैचों के चलते पिछले दिनों की इंडिया अंडर 19 टीम की क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान न दिया जाता पर ऑस्ट्रेलिया अंडर 19 के विरुद्ध चेन्नई के पहले अनौपचारिक
Virat Kohli & Tanmay Srivastava: हो सकता है टीम इंडिया के इंटरनेशनल मैचों के चलते पिछले दिनों की इंडिया अंडर 19 टीम की क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान न दिया जाता पर ऑस्ट्रेलिया अंडर 19 के विरुद्ध चेन्नई के पहले अनौपचारिक टेस्ट में रोमांचक जीत और खब्बू वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) के तेज 100 की बदौलत ये ख़बरों में आ गई। वैभव सूर्यवंशी ने सबसे कम 13 साल 188 दिन की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 का रिकॉर्ड बनाया और साथ-साथ 58 गेंद में 100 और कुल 62 गेंद पर 104 रन का रिकॉर्ड- ये किसी भी भारतीय का अंडर 19 क्रिकेट में सबसे तेज 100 है और कुल मिलकर दूसरा सबसे तेज (रिकॉर्ड- 2005 में मोईन अली 56 गेंद)।
वैभव सूर्यवंशी के भारत के लिए सबसे तेज अंडर 19 के 100 के रिकॉर्ड की चर्चा ने एकदम ध्यान कुछ साल पहले की भारत की अंडर 19 क्रिकेट की तरफ आकर्षित कर दिया। ये चर्चा शुरू होती है विराट कोहली से।
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2002 में दिल्ली अंडर 15 टीम में थे और पॉली उमरीगर ट्रॉफी में खेले। अगले सीजन में कप्तान बन गए और 5 पारी में 78 की औसत से 390 रन बना दिए। इसी से सीधे दिल्ली अंडर 19 टीम में और 2006 के शुरू में दिल्ली की सीनियर वनडे टीम में आ गए। तब तक वे इंडिया अंडर 19 के लिए नहीं खेले थे। इसमें सिलेक्शन हुआ जुलाई 2006 में जब टीम इंग्लैंड गई। तब कप्तान थे उत्तर प्रदेश के तन्मय श्रीवास्तव जिनके बारे में कहते थे कि वे भारत के भविष्य के स्टार बल्लेबाज हैं। विराट ने 3 वनडे में 105 और 3 टेस्ट में 245 रन बनाए।
सितंबर 2006 में पाकिस्तान अंडर 19 टूर पर गए जिसमें कप्तान थे पीयूष चावला। विराट का रिकॉर्ड रहा- 2 टेस्ट में 174 रन और 3 वनडे में 125 रन। इस रिकॉर्ड ने नवंबर 2006 में रणजी ट्रॉफी डेब्यू तक पहुंचा दिया। 2006-07 रणजी ट्रॉफी में 6 मैच में 257 रन बनाए।
जुलाई 2007 में श्रीलंका अंडर 19 टूर और फिर से कप्तान थे तन्मय श्रीवास्तव। वहां ट्राई नेशन टूर्नामेंट (अन्य दो टीम : बांग्लादेश और श्रीलंका) भारत ने जीता और विराट ने 5 मैच में 146 रन बनाए (इससे ज्यादा सिर्फ सौरभ तिवारी के 192 रन थे)। उसके बाद हुई यूथ टेस्ट सीरीज। कोलंबो के पहले टेस्ट में विराट ने पहली पारी में 144 का स्कोर बनाया- सिर्फ 185 गेंद में और टेस्ट भारत ने जीता। कैंडी में दूसरा टेस्ट और वैभव के रिकॉर्ड की चर्चा में इस कैंडी टेस्ट को नोट करना ही जरूरी है।
3 दिन का ये टेस्ट 8 अगस्त को शुरू हुआ। टॉस जीतकर तन्मय ने बल्लेबाजी को चुना और क्या गजब की बल्लेबाजी हुई। एक समय- 68वें ओवर में इंडिया अंडर 19 का स्कोर 317-2 था और यहां तन्मय 152 गेंद में 117 रन बनाकर आउट हुए। अब पिच पर आए विराट कोहली और विराट ने तो रन रेट और तेज कर दिया। जब अभिनव मुकुंद 243 गेंद में 205 रन बनाकर आउट हुए तो स्कोर 415-3 था और 79वां ओवर चल रहा था। यहां से ये चर्चा शुरू हो गई कि क्या दिन का खेल खत्म होने से पहले इंडिया अंडर 19 पारी समाप्त कर विकेट लेने की कोशिश करेंगे?
नए बल्लेबाज सौरभ तिवारी थे (वही जो बाद भारत के लिए 3 वनडे भी खेले) और जो बैटिंग हुई उसमें इसी पॉलिसी की झलक मिल रही थी- विराट और सौरभ ने 5.4 ओवर में 76 रन जोड़ दिए और विराट एकदम अपने 100 के करीब आ गए। यहीं कप्तान तन्मय ने वह किया जो आज तक एक विवाद है- उन्होंने पारी समाप्त कर दी और तब विराट 51 गेंद में 94* (11 चौके, 3 छक्के) और सौरभ 11 गेंद में 36* पर थे। जिस तरह से रन बन रहे थे विराट अपने 100 के लिए कितनी गेंद और लेते? इस सवाल का आज कोई जवाब नहीं है पर विराट की तेज स्कोरिंग का अंदाजा वैभव के अब 2024 में 58 गेंद पर 100 के रिकॉर्ड से तुलना में लगाइए। इंडिया अंडर 19 को बचे समय में श्रीलंका अंडर 19 का कोई विकेट नहीं मिला और ये टेस्ट आखिर में ड्रा रहा। अभिनव मुकुंद ने एक और 100 बनाया इंडिया अंडर 19 के दूसरी पारी के 245-6 में- 134 गेंद पर 108 रन।
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बहरहाल विराट की ये मेहनत बेकार नहीं गई और जब जनवरी 2008 में संजीव शर्मा की अंडर 19 सिलेक्शन कमेटी ने अंडर 19 वर्ल्ड कप की टीम चुनी तो फेवरिट और ज्यादा अनुभवी तन्मय श्रीवास्तव को नहीं, विराट कोहली को कप्तान बना दिया। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सिलेक्शन कमेटी के ऐतिहासिक फैसलों में से एक था ये और इस फैसले ने सिर्फ अंडर 19 क्रिकेट को ही नहीं, भारत की क्रिकेट को हमेशा के लिए एक ख़ास मोड़ दे दिया।