वर्ल्ड कप फ्लैशबैक - जब कोर्टनी वॉल्श की खेल भावना के चलते वेस्टइंडीज मैच हारा लेकिन क्रिकेट जीता था
क्रिकेट के मैदान पर कई छोटी-बड़ी घटनाएं देखने को मिलती है। कुछ ऐसी होती हैं जो इस खेल की साख पर बट्टा लगा देती हैं तो कई यह बताती है कि क्रिकेट को जैंटलमैन गेम क्यों कहा जाता है। आज
क्रिकेट के मैदान पर कई छोटी-बड़ी घटनाएं देखने को मिलती है। कुछ ऐसी होती हैं जो इस खेल की साख पर बट्टा लगा देती हैं तो कई यह बताती है कि क्रिकेट को जैंटलमैन गेम क्यों कहा जाता है। आज 1987 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच हुए मैच के दौरान हुई एक ऐसी ही रोमांचक किस्से की बात करेंगे जो क्रिकेट फैंस के शायद ही पता हो।
16 अक्टूबर 1987 को वेस्टइंडीज की टीम पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप का अपना दूसरा मुकाबला खेलने लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम पर उतरी। इस मैच में कैरिबियाई टीम के तेज गेंदबाज कोर्टनी वॉल्श की शानदार खेल भावना के लिए याद किया जाता है।
वेस्टइंडीज की टीम इंग्लैंड हाथों अपना पहला मैच हार चुकी थी और उन्हें इस मैच में हर हाल में जीत चाहिए था। मैच में वेस्टइंडीज के कप्तान सर विवियन रिचर्ड्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। वेस्टइंडीज के ओपनिंग बल्लेबाज डेस्मंड हेन्स और फिल सिमंस ने अपने टीम को एक जोरदार शुरुआत दिलाई और पहले विकेट 91 रनों की साझेदारी की। इतनी अच्छी शुरुआत मिलने के बाद वेस्टइंडीज की टीम लड़खड़ा गई और देखते-देखते पूरी टीम 216 रनों पर ढेर हो गयी।
वेस्टइंडीज के तरफ से सिंमोन्स ने 57 गेंदों में 50 रन बनाए तो वहीं कप्तान विवियन रिचर्ड्स ने 52 गेंदों में 51रनों के महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। पाकिस्तान की ओर से इमरान खान ने मैच में 37 रन देते हुए 4 विकेट चटकाए तो वहीं सलीम जाफर 3 तथा वसीम अकरम के खाते में 2 विकेट आये।
217 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की शुरुआत खराब रही और उनकी टीम 110 रनों पर 5 विकेट के नुकसान पर संघर्ष कर रही थी। फिर क्रीज पर बल्लेबाजी करने आये पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज सलीम यूसुफ। सलीम को कप्तान इमरान खान का साथ मिला। पाकिस्तान का स्कोर धीरे- धीरे बढ़ने लगा।
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