जब पिछली बार वेस्टइंडीज में हुआ था टी-20 वर्ल्ड कप, इस मुद्दे पर उलझ गए थे धोनी और सचिन तेंदुलकर
इस बार वेस्टइंडीज टी20 वर्ल्ड कप का मुख्य पर संयुक्त मेजबान है- अमेरिका के साथ। वे दूसरी बार मेजबान हैं- इससे पहले 2010 में अकेले मेजबान थे। तब टी20 वर्ल्ड कप को 30 अप्रैल से 16 मई के बीच खेले थे। उस साल इंग्लैंड चैंपियन बना था फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर।
अगर इस बार अमेरिका की वजह से वेस्टइंडीज में ये वर्ल्ड कप चर्चा और विवाद में है तो 2010 में अकेले मेजबान होने के बावजूद वे विवाद से बच नहीं पाए थे। विश्वास कीजिए- वेस्टइंडीज को तो तब वास्तव में टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी ही नहीं मिली थी। आईसीसी ने उन्हें तो 2010 में वनडे की चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी दी थी। असल में हुआ ये कि पाकिस्तान में 2008 चैंपियंस ट्रॉफी खेलनी थी पर वहां के हालात और टीम की सुरक्षा के मसले पर हिस्सा लेने वाले टीम की घबराहट देखकर आईसीसी ने इसका आयोजन स्थगित कर दिया। इससे आईसीसी का अपने ग्लोबल टूर्नामेंट के आयोजन का कैलेंडर गड़बड़ा गया और उसे सही करने की जरूरत में, आईसीसी ने वेस्टइंडीज को दिए ग्लोबल वनडे क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन को टी20 मैचों में बदल दिया और इस तरह वेस्टइंडीज ने टी20 वर्ल्ड कप आयोजित किया।
सिर्फ यही नहीं, एक और बड़ी अजीब बात ये है कि 2009 में ही तो टी20 वर्ल्ड कप खेले थे- 2010 में इसे फिर से खेल रहे थे। इस फैसले पीछे, आईसीसी की अपनी पॉलिसी जिम्मेदार थी। जब ये तय हुआ था कि टी20 वर्ल्ड कप हर दो साल बाद खेलेंगे तो ये भी तय किया था कि इसका वनडे वर्ल्ड कप से टकराव नहीं होने देंगे- टकराव हुआ तो इसे एक साल पहले ही खेल लेंगे। इस तरह 2011 में खेलते तो इसका वनडे वर्ल्ड कप से टकराव होता- इसलिए 2010 में ही खेल लिया। सच तो ये है कि पूरे 12 महीने भी नहीं बीते थे- 2009 टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल 21 जून 2009 को खेले और 30 अप्रैल 2010 को अगला वर्ल्ड कप शुरू भी हो गया। उस साल, एक और खासियत ये थी कि पुरुष और महिला टूर्नामेंट साथ-साथ खेले थे।
इन सभी तारीखों को पढ़कर ये अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि 2024 की तरह, 2010 का टी20 वर्ल्ड का भी आईपीएल से टकराव में खेला। भारत के लिए 2010 का टी20 वर्ल्ड कप बड़ी निराशा वाला रहा और सुपर 8 से आगे नहीं बढ़ पाए थे। ग्रुप एफ में ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और वेस्टइंडीज के मुकाबले भारत नंबर 4 टीम रहा और वास्तव में इन तीनों से हारे थे।
स्पष्ट है ऐसे ख़राब प्रदर्शन के बाद, जैसा खेले उसका पोस्टमार्टम तो होना ही था। पोस्टमार्टम हुआ और क्रिकेट पंडितों में से ज्यादातर ने आईपीएल के फ़ौरन बाद टी20 वर्ल्ड कप खेलने को दोष दे दिया। उस साल, आईपीएल की शुरुआत 12 मार्च को हुई और फाइनल 25 अप्रैल को था। एमएस धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स ने सचिन तेंदुलकर की मुंबई इंडियंस को हराकर कप जीता। लगभग एक हफ्ते के भीतर, टी20 वर्ल्ड कप 30 अप्रैल को शुरू हो गया। इस बार भी लगभग यही स्थिति है- आईपीएल की शुरुआत 22 मार्च को हुई जबकि फाइनल 26 मई को है और सिर्फ 5 दिन बाद टी20 वर्ल्ड कप शुरू है।
2010 में जब पोस्टमार्टम हुआ तो आईपीएल विजेता और टीम इंडिया के कप्तान एमएस धोनी ने खुले आम दोष आईपीएल पार्टियों को दे दिया। आपको बता दें कि उन सालों में, मैच की रात आईपीएल पार्टी हुआ करती थी जिसमें शराब और शबाब दोनों मौजूद रहते थे। रात लगभग 11 बजे मैच ख़त्म होने के बाद होटल में देर रात तक चलने वाली पार्टी यानि कि पूरी रात गई। ये पार्टी स्पांसर होने लगीं और धीरे-धीरे हर मैच का हिस्सा बन गईं।
साथ ही धोनी ने खिलाड़ियों को 'स्मार्ट' बनने के लिए कहा। नोट कीजिए- धोनी ने टीम के प्रदर्शन के लिए आईपीएल को नहीं, आईपीएल पार्टी को जिम्मेदार ठहरा दिया। वे बोले- 'देर रात तक पार्टी और उसके बाद अगले मैच के लिए ट्रेवल- ये सब बुरी तरह से थका देता है।' इसलिए खिलाड़ियों से टूर्नामेंट के दौरान होने वाली बातों के बारे में 'स्मार्ट' बनने कहा। वे बोले- 'हमें अपने शरीर का सम्मान करना होगा। उसे ठीक करने के लिए समय देना होगा क्योंकि इसमें मैच खेलने के अलावा और भी बहुत कुछ है। पार्टियों में हिस्सा लेने और ट्रेवल करने से नुकसान होता है।'
धोनी की इस स्टेटमेंट का बड़ा रिएक्शन हुआ। आईपीएल और बीसीसीआई के अधिकारियों को तब धोनी की ये स्टेटमेंट पसंद नहीं आई थी पर वे कुछ न बोले क्योंकि इस मुद्दे पर बहस का कोई फायदा नहीं था। फिर भी बात तब और भी उलझी जब एक और दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने अपनी स्टेटमेंट दी और साफ़ कहा कि वे धोनी की बात से सहमत नहीं। तेंदुलकर तब टी20 वर्ल्ड कप टीम में नहीं थे। वे बोले- 'पार्टियां और प्रदर्शन दो अलग-अलग चीज हैं जिन्हें आपस में जोड़ा नहीं जा सकता और हर खिलाड़ी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। पहले भी पार्टियां होती थीं।'
यहां ये जानना जरूरी है कि खुद तेंदुलकर क्या करते रहे इस बारे में और कैसे मैचों के लिए फिट रहे? विश्वास कीजिए- आईपीएल में एक स्टार क्रिकेटर और अपनी टीम का कप्तान होने के बावजूद वे किसी भी आईपीएल पार्टी में नहीं जाते थे क्योंकि वह हमेशा अगले मैच के लिए तैयार रहना चाहते थे। अगर स्पांसर या टीम फ्रेंचाइजी की किसी जरूरत या औपचारिकता में कभी जाना भी पड़ा तो पार्टी से सबसे पहले गायब होते थे।
इस बार वही आईपीएल और वही फ़ौरन बाद टी20 वर्ल्ड कप पर आईपीएल पार्टी नहीं है- तो टी20 वर्ल्ड कप के बाद कैसी स्टेटमेंट आएंगी?
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- चरनपाल सिंह सोबती