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सचिन तेंदुलकर का वह 200 वाला टेस्ट स्कोर जिसके लिए सुनील गावस्कर ने उन्हें 34 शैंपेन का गिफ्ट भेजा था- ऐसा क्यों? 

अक्टूबर 2024 में इंग्लैंड के लिए पाकिस्तान के विरुद्ध मुल्तान के पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने 823-7 का विशाल स्कोर बनाया- हैरी ब्रूक्स (317) और जो रूट (262) का योगदान इसमें सबसे बड़ा था और कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। इन

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सचिन तेंदुलकर का वह 200 वाला टेस्ट स्कोर जिसके लिए सुनील गावस्कर ने उन्हें 34 शैंपेन का गिफ्ट भेजा थ
सचिन तेंदुलकर का वह 200 वाला टेस्ट स्कोर जिसके लिए सुनील गावस्कर ने उन्हें 34 शैंपेन का गिफ्ट भेजा थ (Sachin Tendulkar and Sunil Gavaskar)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jan 15, 2025 • 08:08 AM

अक्टूबर 2024 में इंग्लैंड के लिए पाकिस्तान के विरुद्ध मुल्तान के पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने 823-7 का विशाल स्कोर बनाया- हैरी ब्रूक्स (317) और जो रूट (262) का योगदान इसमें सबसे बड़ा था और कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। इन दोनों बल्लेबाज के स्कोर की एक ख़ास बात ये थी कि दोनों ने टेस्ट क्रिकेट में अपना टॉप स्कोर बनाया- ब्रूक्स ने अपने 19वें टेस्ट में और रुट ने अपने 147वें टेस्ट में। नोट कीजिए- आम तौर पर बल्लेबाज करियर के शुरू में बड़े स्कोर बनाते हैं जैसा कि ब्रूक्स ने किया जबकि रुट ने तो 147वें टेस्ट में अपने टॉप स्कोर का रिकॉर्ड बनाया। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
January 15, 2025 • 08:08 AM

विश्वास कीजिए, तब भी टेस्ट करियर में सबसे देरी से अपना टॉप स्कोर बनाने का रिकॉर्ड रुट के नाम नहीं था। रूट दूसरे नंबर पर हैं। रिकॉर्ड है दक्षिण अफ़्रीकी जैक्स कैलिस के नाम- उन्होंने अपना टॉप स्कोर 224 रन, जनवरी 2012 में केपटाउन में श्रीलंका के विरुद्ध अपने 150वें टेस्ट में बनाया था। वैसे अभी तो रुट खेल रहे हैं और उनके पास कैलिस का, इस मामले में, टेस्ट की गिनती का रिकॉर्ड तोड़ने का पूरा मौका है। 

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इन दोनों की तरह के और भी कुछ ख़ास 'लेट-लतीफ़' देखें तो कुमार संगकारा (टॉप स्कोर अपने 122वें टेस्ट में- फरवरी 2014, चटगांव, बांग्लादेश के विरुद्ध 319) और सचिन तेंदुलकर (टॉप स्कोर अपने 119वें टेस्ट में- दिसंबर 2004, ढाका, बांग्लादेश के विरुद्ध, 248) के नाम सामने आते हैं। इस बार सचिन तेंदुलकर के इस टॉप स्कोर की ही बात करते हैं। 

बांग्लादेश टूर पर गई थी टीम इंडिया दिसंबर 2004 में और ढाका के पहले टेस्ट में सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर का ये टॉप 248* का स्कोर बनाया। तेंदुलकर का ये स्कोर इतनी बड़ी चर्चा बना कि इरफान पठान का अपने करियर में पहली बार 10 विकेट (5+6) लेना भी किसी को याद न रहा। भारत की टेस्ट में पारी की जीत में कोई भी योगदान कम न था।

248* सिर्फ सचिन तेंदुलकर का टॉप स्कोर नहीं थे- इसी 100 की बदौलत, उन्होंने सुनील गावस्कर के 34 टेस्ट 100 के वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की थी। दूसरी खास बात थी तेंदुलकर की आखिरी बल्लेबाज जहीर खान के साथ 133 रन की पार्टनरशिप जिसमें जहीर ने भी अपने करियर का टॉप स्कोर 75 बनाया। तब ये सिर्फ उनका ही नहीं, किसी भी नंबर 11 का सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर था। जहीर ने 1972-73 में ऑकलैंड में पाकिस्तान के विरुद्ध न्यूजीलैंड के रिचर्ड कोलिंग के 68 रन का रिकॉर्ड तोड़ा था। वास्तव में टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला 50 बनाया और गुलाम अहमद के 52 साल पुराने भारतीय नंबर 11 के टॉप स्कोर के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। ये सभी बड़े रिकॉर्ड तो नोट किए गए पर अपने 119वें टेस्ट में, तेंदुलकर का अपना सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर बनाना, नोट नहीं किया गया। 

तब वहां टेस्ट बंगबंधु नेशनल स्टेडियम में खेलते थे। बांग्लादेश के 184 के जवाब में भारत ने 526 रन बनाए थे। तेंदुलकर ने कप्तान सौरव गांगुली (71) के साथ चौथे विकेट के लिए 164 रन जोड़े। आगे के बल्लेबाज, इस मजबूत आधार का कोई ख़ास फायदा नहीं उठा पाए और जब हरभजन के तौर पर 9वां विकेट गिरा तो स्कोर 393 था। यहां से जहीर न सिर्फ जम गए, इस 133 रन की पार्टनरशिप में 75 कीमती रन बनाते हुए, तेंदुलकर से भी बड़ी हिस्सेदारी निभाई। टेस्ट क्रिकेट में भारत की 10वें विकेट के लिए सबसे बड़ी पार्टनरशिप का रिकॉर्ड बना। उन्होंने 1952 में पाकिस्तान के विरुद्ध नई दिल्ली में गुलाम अहमद-हेमू अधिकारी के भारतीय रिकॉर्ड (109) को पीछे छोड़ दिया और टेस्ट क्रिकेट में दूसरी सबसे बड़ी पार्टनरशिप की बराबरी की।

9 घंटे से भी ज्यादा (552 मिनट) बल्लेबाजी करते हुए, तेंदुलकर ने 379 गेंद खेलीं और 35 चौके लगाए। सबसे ख़ास बात थी इस लंबी पारी के दौरान उनकी फिटनेस और एकाग्रता। इसीलिए इस पारी को बड़ा खास गिनते हैं हालांकि तब तक बांग्लादेश को एक बेहतर टेस्ट टीम गिनना शुरू नहीं हुआ था। ख़ास बात ये कि जब टीम इंडिया टूर पर गई, तब तक तेंदुलकर भी पूरी तरह से फिट नहीं थे। उसी साल उनकी सर्जरी हुई थी और वे लगातार नहीं खेल रहे थे। 

तब भी वह उनके लिए बड़ा बेहतर दौर था। तेंदुलकर ने टेस्ट मैचों में अपना चौथा 200 बनाया और उस साल में दूसरा। मजे की बात ये कि उन्होंने पिछले 5 शतक में से हर एक में 175+ का स्कोर बनाया था। इस तरह से वे एक बड़ी पारी के लिए सेट थे। 2004 की शुरुआत में सिडनी में उनके क्लासिक के उलट, इस 200 में उनकी आक्रामक रेंज साफ़ नजर आ रही थी। और देखिए- ये फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी उनका टॉप स्कोर था और आखिर तक रहा। उस दिन 300 को चूकने के बाद वे कभी इस स्कोर के इतना करीब नहीं पहुंचे। 

तेंदुलकर ने अपना 34वां टेस्ट 100 बनाकर जब सुनील गावस्कर के रिकॉर्ड की बराबरी की तो संयोग से वह उस समय बांग्लादेश में कमेंट्री कर रहे थे। उन्होंने, इसे तेंदुलकर के करियर में एक यादगार दिन बनाने के लिए 34 शैंपेन का शानदार गिफ्ट भेजा था।

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- चरनपाल सिंह सोबती

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